हिमाचल शिक्षा समिति के मार्गदर्शन में हिमाचल प्रदेश में चल रहे सरस्वती विद्या मन्दिरों के आचार्य-दीदियों के लिए 30 दिनों का आवासीय प्रशिक्षण वर्ग हिम रश्मि परिसर, विकासनगर शिमला में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। यह प्रशिक्षण वर्ग प्रशिक्षु आचार्य-दीदियों के सर्वांगीण विकास एवं उनके कौशल सुधार के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
समापन समारोह में मुख्यवक्ता के रूप में विद्या भारती हिमाचल प्रान्त संगठन मंत्री श्री ज्ञान सिंह उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह 30 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग एक साधना और व्यक्तित्व निर्माण की कार्यशाला था। उन्होंने विद्या भारती को देशभक्त और राष्ट्रभक्त निर्माण करने वाली संस्था बताया और आचार्यों से आह्वान किया कि वे छात्रों के 360 डिग्री मूल्यांकन, मातृभाषा में शिक्षण, और वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए छात्रों को तैयार करें। श्री ज्ञान सिंह ने यह भी कहा कि केवल आत्मनिर्भर और सशक्त भारत ही प्रगति की दिशा में आगे बढ़ सकता है।
समारोह में मुख्यातिथि कैप्टन संजय पराशर ने संस्कारों के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि तेज़ गति से भागती दुनिया में भी हमें अपने लक्ष्य को स्थिर रखते हुए आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि एक आचार्य का काम शिष्य को प्रेरित करना होता है और समाज में गिरावट शिक्षा और शिक्षक की कमी से होती है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं शिक्षा विशेषज्ञ डॉ. राधारमन शास्त्री ने बच्चों के साथ अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अध्यापक हमेशा शिष्यों के बीच रहता है और उसकी सबसे बड़ी खुशी यह होती है कि उसका शिष्य उससे आगे निकले। उन्होंने संस्कृत को दुनिया की सबसे सुंदर भाषा बताते हुए विचारशीलता और संयमित जीवन जीने की आवश्यकता पर बल दिया।
समापन अवसर पर प्रशिक्षु आचार्य-दीदियों द्वारा सामूहिक गीत, व्यायाम योग, तिष्ठ योग, योगासन का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही प्रशिक्षुओं ने संस्कृत गीत, पिरामिड प्रदर्शन, शिशु वाटिका क्रियाकलाप, रंगमंच पर अभिनय, भजन नृत्य एवं पहाड़ी लोकनृत्य प्रस्तुत किए। प्रशिक्षु आचार्य-दीदियों द्वारा तैयार की गई हस्तलिखित पत्रिका का विमोचन भी किया गया।
इस कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश के छह जिलों और लद्दाख के जांस्कर क्षेत्र से कुल 97 प्रशिक्षुओं ने भाग लिया। समापन समारोह में प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए।
समापन समारोह में हिमाचल शिक्षा समिति के प्रमुख सदस्य मोहन केस्टा (अध्यक्ष), दिलाराम चौहान (उपाध्यक्ष), अमीता भारद्वाज (सह-सचिव), सैनराम चौहान (जिला अध्यक्ष), ज्ञानी राम शर्मा (मंत्री जिला शिमला) और सुनील कुमार (प्रांत प्रशिक्षण प्रमुख) भी उपस्थित रहे।