समापन अवसर पर उतर क्षेत्र के संगठन मन्त्री आदरणीय विजय नड्डा जी ने कहा कि विद्या भारती के प्रचलन में कार्यकर्ताओ के विकास हेतु प्रशिक्षण वर्ग व कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है, ताकि कार्यकर्ताओ में नवाचार बना रहे और वह अपने कार्य के लिए प्रोत्साहित होता रहे, अन्य जगत के मनुष्य को अपने विकास हेतु स्वयं ही प्रयास करना पडता है या अन्य संस्थानो से पैसे देकर प्रशिक्षण लेना पडता है, परन्तु हमारी परंपरानुसार यह हमारी संरचनात्मक रचना का हिस्सा है । कार्यालय प्रमुखों व अन्य को सम्बोधित करते हुए उन्होने कहा कि कार्यालय किसी भी संस्था का अहम व महत्वपूर्ण अंग होता है, इनके कार्य में हुई त्रुटि स्वीकार्य नही, कार्यालय प्रमुखों को संस्थान व समाज के प्रत्येक हिस्सो को हर स्थिति से निपटना पडता है, इसलिए इनका कार्य “सत्यं शिवम् सुन्दरम होना अनिवार्य ” पंचकोषीय विकास में सर्वप्रथम मानसिक विकास व संतुलन होना भी अनिवार्य । हमारा व्यवहारिक पक्ष ठीक होना अति आवश्यक, न तो हमारे व्यवहार से कोई और दुखी हो न ही हम दुसरो के व्यवहार से दुखी हो क्योकि दुसरों के व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए हमारा अपना ठीक होना अति आवश्यक है ।
इसलिए यदि कोई अन्य हमसे अच्छा व्यवहार नही कर रहा है, फिर भी संयम रख कर अपने व्यवहार में परिवर्तन न लाए बल्कि अपने अच्छे व्यवहार से उसमें परिवर्तन लाने का प्रयास करे और उस स्थिति में भी खुश ही रहे यही अपने संस्कार भी है और परंपरा भी ।
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने समर्पण के साथ-साथ अपनी योग्यता भी बढानी चाहिए ताकि संगठन में उसकी उन्नति भी होती रहे और संगठन भी मजबुत हो क्योकि कार्यकर्ताओ के विकास के साथ साथ संगठन का भी विकास होता है । कार्यकर्ता व संगठन एक दूसरे के पूरक है ।
इस बैठक में तीन सामुहिक व चार कार्य विभाजनानुसार सहित कुल सात सत्रो में कार्यालय, अभिलेखागार, प्रचार व प्रकाशन के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा की गई ताकि विद्या भारती के कार्य को गति मिले और कार्यकर्ताओ का भी विकास हो ।
इस बैठक में अखिल भारतीय अभिलेखाकार संयोजक श्री प्रदीप कुमार जी, उत्तर क्षेत्र उपाध्यक्ष मा० सुरेन्द्र अत्री जी एवं श्री कुलवीर सिंह जी, महामन्त्री श्री देशराज शर्मा जी, सह संगठन मन्त्री श्री बालकृष्ण जी, हरियाणा के प्रान्तीय महामन्त्री श्री सम्पूर्ण जी, श्री ज्ञान सिंह जी संगठन मंत्री विद्या भारती हिमाचल प्रांत सहित उत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय तथा पांच राज्यों (दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल व जम्मू-कश्मीर) के 60 कार्यकर्ता बन्धु/भगिनियों ने भाग लिया ।