Category: गीत
विद्या भारती द्वारा निर्धारित सत्र 2024-25 हेतु वार्षिक संस्कृत गीत
विद्या भारती द्वारा निर्धारित सत्र- 2024-25 के लिए वार्षिक गीत (पूर्व माध्यमिक व वरिष्ठ माध्यमिक कक्षाओं हेतु)
राष्ट्र-धर्म-कर्तव्य मार्ग पर निशि-दिन बढ़ते जाएंगे ।
अपनी भारत माता को हम जग सिरमौर बनाएंगे।।
राणा, लाचित, छत्रसाल और चेन्नमा की शक्ति हम ।
नायन्मार, आलवारों, नरसी-चैतन्य की भक्ति हम ।
शक्ति-भक्ति-युक्ति से अब हम, प्रगति शिखर तक जाएंगे ।।
अपनी भारत माता…………………………।। 1।।
मर्यादा श्रीराम से लेकर सीता सती से तप लेकर
गुरू नानक, महावीर, बुद्ध से सत्य-शांति और जप लेकर ।
सकल विश्व में त्याग-शील और प्रेम सुधा सरसाएंगे।।
अपनी भारत माता…………………………।। 2।।
चंद्रयान ने चांद पर जाकर ध्वजा तिरंगा फरहाया ।
गगनयान ने अंतरिक्ष में भारत का गौरव गाया ।
ज्ञान और विज्ञान के बल पर विश्व गुरू कहलाएंगे।।
अपनी भारत माता…………………………।। 3।।
विद्या भारती द्वारा निर्धारित सत्र- 2024-25 के लिए वार्षिक गीत (प्राथमिक कक्षाओं हेतु)
नन्हे-मुन्ने भोले-भाले शूरवीर हम सच्चे हैं।
सिंहों के संग खेले हैं हम, भारत माँ के बच्चे हैं ।।
मैनावती हकीकत जैसे, वीरव्रती बलिदानी हैं।
ध्रुव प्रहलाद से भक्त और, ऋषि-मुनियों से ज्ञानी हैं।
देश की सेवा करते हैं हम, देश के सैनिक सच्चे हैं ।।
नन्हे-मुन्ने भोले-भाले……………………….।। 1।।
जाति-पाति और ऊँच-नीच का, भेद नहीं हम करते हैं
सब समाज के कष्टों को हम, अपना दुःख समझते हैं ।
मानवता मन में धारें हम, भले आयु में बच्चे हैं ।।
नन्हे-मुन्ने भोले-भाले……………………….।। 2।।
दुःख-दैन्य का तमस चीर कर, जग को राह दिखाएंगे।
भारत के वैभव का ध्वज,हम दुनिया में फहरायेंगे ।
राम-कृष्ण के वंशज हैं हम, गुरू गोविन्द के बच्चे हैं।।
नन्हे-मुन्ने भोले-भाले……………………….।। 3।।