राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिशु वाटिकाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए शिमला, बिलासपुर तथा कुल्लू में शिशु वाटिका दीदियों की चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशालाएं सम्पन ।

हिमाचल शिक्षा समिति द्वारा संचालित सरस्वती विद्या मंदिरों की चार दिवसीय शिशुवाटिका कार्यशालाएं  शिमला, बिलासपुर तथा कुल्लू में सम्पन । इन कार्यशालाओं में सरस्वती विद्या मंदिरों की शिशु वाटिका दीदियों ने भाग लिया ।

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार 0 से 3 वर्ष तक के बालक की शिक्षा का केन्द्र उसका घर है वहाँ पर माता-पिता ही उसके गुरु है तथा 3 वर्ष पूर्ण करने पर बालक विद्यालय आता है वहाँ पर विद्या भारती के पाँच आधारभूत विषयों (शारीरिक, योग, संगीत, संस्कृत, नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा) को ध्यान में रखते हुए शिशु वाटिका की 12 शैक्षिक व्यवस्थाओं के माध्यम से गतिविधि व क्रियाधारित शिक्षा द्वारा उसका पंचकोशिय विकास होता है । शिशु वाटिका की सभी दीदियाँ12 व्यवस्थाओं के माध्यम से गतिविधि व क्रियाधारित शिक्षा बालक को देने के लिए निपुण हो इसलिय इन कार्यशालाओं का आयोजन किया गया था । आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्या भारती का स्वरूप दिख रहा है ।

समापन अवसर पर शिमला में डॉ० गुलाब सिंह मैहता जी संरक्षक हिमाचल शिक्षा समिति, श्री मनोज कपूर  जी कोषाध्यक्ष हिमाचल शिक्षा समिति एवं श्री सुनील कुमार प्रान्त प्रशिक्षण संयोजक, बिलासपुर में श्री सुरेश कपिल महामंत्री हिमाचल शिक्षा समिति तथा कुल्लू में श्री मोहन केस्टा अध्यक्ष हिमाचल शिक्षा समिति, श्रीमती शान्ता शर्मा उपाध्यक्ष हिमाचल शिक्षा समिति, श्री ज्ञान सिंह संगठन मंत्री विद्या भारती हिमाचल प्रान्त, श्री सुरेश चड्डा प्रान्त शैक्षिक विषय संयोजक हिमाचल प्रान्त उपस्थित रहे ।

शिमला में जिला शिमला, सोलन, सिरमौर व किन्नौर की 39, बिलासपुर में जिला बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा व चम्बा की 35 तथा कुल्लू में जिला कुल्लू, मण्डी व लाहौल-स्पीति की 47 शिशु वाटिका की शिक्षक व प्रशिक्षु दीदियों ने भाग लिया।