राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर हिमाचल शिक्षा समिति के तत्वावधान में चार दिवसीय प्रान्त स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला सरस्वती विद्या मंदिर हिम रश्मि परिसर विकासनगर शिमला में सम्पन ।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर हिमाचल शिक्षा समिति के तत्वावधान में चार दिवसीय प्रान्त स्तरीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला का समापन सरस्वती विद्या मंदिर हिम रश्मि परिसर विकासनगर शिमला के सभागार में हुआ।
विद्या भारती के अखिल भारतीय मंत्री शिव कुमार जी ने कहा कि भारत को पुनः विश्व गुरू केे रूप में स्थापित करने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति कारगर साबित होगी तथा इस शिक्षा नीति से बालक का सर्वांगीण विकास होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा का लक्ष्य छात्र का समग्र विकास होना चाहिए। उन्होंने इस के लिये अनेक तथ्य प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि बालक का शारीरिक,मानसिक,बौद्धिक, आध्यात्मिक और चारित्रिक विकास आवश्यक है। इसके लिए आवश्यक है कि शिक्षकों को उचित प्रशिक्षण मिले तभी बालक का समग्र विकास हो सकता है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नए शब्दावलियों को परिभाषित करके विस्तार से समझाया। पिछले ढांचा 10$2 और नवीन ढांचा 5$3$3$4 का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत किया और दोनों में अंतर समझाया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में जिज्ञासा समाधान का सत्र हुआ। प्रदेश महामंत्री दिलाराम चौहान नेे वर्ग की दिनचर्या एवं शिक्षा नीति के विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिक्षा नीति पर जानकारी प्रदान करने वाले सभी महानुभावों का आभार प्रदर्शन किया। प्रशिक्षण में विद्या भारती द्वारा संचालित सभी 9 जिलों के 79 प्रतिभागियों ने भाग लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न पहलुओं पर चिंतन और मंथन किया।
समापन के अवसर पर विद्या भारती उत्तरक्षेत्र के प्रशिक्षण प्रमुख हर्ष कुमार ने भारत का ज्ञान एवं कौशल विकास का विश्व के इतिहास में योगदान पर मार्गदर्शन किया। उन्होंने गणित, ज्योतिष ज्ञान, शिल्पकला, ध्वनि विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, कालगणना, चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में भारत के योगदान की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत ने युगों से विश्व का मार्गदर्शन किया है, भारत में 127 चिकित्सा पद्धतियां हैं। आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, ध्वनि चिकित्सा, स्पर्श चिकित्सा, मंत्र चिकित्सा, दबाव चिकित्सा, छेदन चिकित्सा, चुम्बकीय चिकित्सा आदि महत्वपूर्ण चिकित्सा पद्धतियांे ने पुरे विश्व का सदियों से मार्गदर्शन किया है। बालक के सर्वांगीण विकास के लिए हम किसी से कुछ सीखने की आवश्यकता नहीं अपितु हमारे ऋषि मुनियों द्वारा लिखे गये ग्रंथों को पढने की आवश्यकता है।
चार दिवसीय कार्यशाला में विद्या भारती उतरक्षेत्र के महामंत्री देशराज शर्मा ने भारतीय शिक्षा मनोविज्ञान एवं कला एकीकरण, प्रो. प्रेमलाल शर्मा ने शैक्षिक गतिविधियों, यादविन्द्र शर्मा ने नेतृत्व विकास विषयों पर अपने विषयों की प्रस्तुति दी। समापन कार्यक्रम में प्रांत अध्यक्ष मोहन सिंह केस्टा जी, संरक्षक डॉ. गुलाब सिंह मेहता जी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भोगेश्वर शर्मा, महामंत्री दिलाराम चौहान, संगठन मंत्री ज्ञानसिंह ने विशेष रूप से भाग लिया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में जिज्ञासा समाधान का सत्र हुआ। प्रदेश महामंत्री दिलाराम चौहान नेे वर्ग की दिनचर्या एवं शिक्षा नीति के विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिक्षा नीति पर जानकारी प्रदान करने वाले सभी महानुभावों का परिचय करवाया।
प्रशिक्षण कार्यशाला में हिमाचल शिक्षा समिति द्वारा संचालित सभी 9 जिलों के 79 प्रतिभागियों ने भाग लेकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न पहलुओं पर चिंतन और मंथन किया। आभार एवं शांति मंत्र के साथ समापन समारोह का समापन हुआ।