विद्या भारती पूर्व छात्रों की बैठक सरस्वती विद्या मन्दिर चिंतपूर्णी में सम्पन्न हुई ।

सरस्वती विद्या मन्दिर चिंतपूर्णी में पूर्व छात्रों की बैठक संपन हुई । बैठक में विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के सह-संगठन मंत्री श्री बाल किशन जी ने पूर्व छात्रों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि विद्या भारती के पूर्व छात्र विद्या भारती की महत्वपूर्ण पूंजी है । विद्या मंदिरों पूर्व छात्रों को विद्यालयों से ग्रहण किए गए संस्कारों पर जीवन पर्यन्त आगे बढ़ाना होगा, ताकि समाज में अच्छे वातावरण का निर्माण संभव हो सके ।
उन्होंने कहा कि 1952 से शुरू हुए विद्या भारती के विद्यालयों का आज विशाल स्वरूप हमारे सामने है । इन विद्यालयों से निकले पूर्व छात्र विभिन्न उच्च पदों पर सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन वह इन विद्यालयों के संस्कारों को नहीं भूलें हैं । विद्यालयों के प्रधानाचार्य, आचार्य एवं प्रबंधकों का यह दायित्व है कि पूर्व छात्रों से संपर्क करके उनको विद्यालयों की गतिविधियों से किसी ना किसी रूप में जोड़कर रखें ।
विद्या भारती के कार्य को आगे बढ़ाने में पूर्व छात्रों का सहयोग नितांत आवश्यक है । विद्या भारती की गतिविधियां विद्यालयों तक ही सीमित ना रहें । उन्होंने पूर्व छात्रों के भविष्य की योजनाओं पर भी विचार विमर्श किया और उन्हे शुभकामनाएं दी ।
इस अवसर पर विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के सह-संगठन मंत्री श्री बाल किशन जी, विद्या भारती हिमाचल प्रांत संगठन मंत्री श्री ज्ञान सिंह जी, हिमाचल शिक्षा समिति जिला ऊना इकाई के पदाधिकारी, समाजसेवी संजय पराशर जी एवं जिला ऊना के सरस्वती विद्या मन्दिरों के प्रधानाचार्य व स्थानीय विद्यालय की प्रबन्ध समिति के पदाधिकारी उपस्थित रहे ।