हिमाचल शिक्षा समिति की तीन दिवसीय साधारण सभा बैठक सरस्वती विद्या मन्दिर रौड़ा सैक्टर बिलासपुर में सम्पन्न हुई।

 

छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयत्नशील है विद्या भारतीश्रीराम अरावकर, अखिल भारतीय सह-संगठन मंत्री विद्या भारती

अपनी कार्यों में मातृशक्ति की अधिक भागीदारी को सुनिश्चित करेगी विद्या भारतीविजय नड्डा, क्षेत्रीय संगठन मंत्री विद्या भारती उतरक्षेत्र

हिमाचल शिक्षा समिति की तीन दिवसीय साधारण सभा बैठक सरस्वती विद्या मन्दिर रौड़ा सैक्टर बिलासपुर में सम्पन्न हुई। इस बैठक में हिमाचल शिक्षा द्वारा प्रदेश में संचालित सरस्वती विद्या मन्दिरों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। साधारण सभा बैठक में प्रदेश के 11 जिलों से 80 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

साधारण सभा बैठक में विद्या भारती के कार्यों की जानकारी प्रदान करते हुए श्रीराम आरावकर जी ने बताया कि छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए विद्या भारती प्रयत्नशील रहती है, इसलिए पांच आधारभूत विषय शारीरिक शिक्षा, योग शिक्षा, संगीत शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, नैतिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा को पाठ्यक्रम में सम्मिलित किया गया। गतिविधि आधारित शिक्षण व्यवस्था के माध्यम से विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र मनोरंजक एवं रचनात्मक रूप से शिक्षा ग्रहण करते हैं।

विद्या भारती उतरक्षेत्र के संगठन मंत्री विजय नड्डा जी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि विद्या भारती समाज के सहयोग से विद्यालयों का संचालन कर रही है। हमारी शिक्षा समाज आधारित होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्या भारती अपनें कार्यों में मातृशक्ति  की अधिक भागीदारी का प्रयास करेगी। भारतीय शिक्षा के माध्यम से भारत को पुनः जग सिरमौर बनाने में रत विद्या भारती ने अनेक उपक्रम खड़े किए है। विद्या भारती के चार आयाम-देश की विद्वत् शक्ति को इस ज्ञान यज्ञ में आहुति देने के लिए विद्वत परिषद है। शिक्षा में क्रियाशोध कर उसे और अधिक उपयोगी बनाने के लिए शोध विभाग है। भारतीय संस्कृतिमय जीवन बनाने हेतु संस्कृति बोध परियोजना है और अपने पूर्व छात्रों में दिए गए संस्कार अमिट रहें, इसके लिए पूर्व छात्र परिषद है। अत्यन्त हर्ष का विषय है कि विद्या भारती के पूर्व छात्र परिषद ने अपने पोर्टल में आठ लाख से अधिक पूर्व छात्रों को जोड़ा है, जो विश्व कीर्तिमान बना है।

क्षेत्रीय महामंत्री देशराज शर्मा जी ने कुटुम्ब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण विषयों पर प्रकाश डाला ।  उन्होंने कहा कि हमारा विद्यालय माडल बनें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर उन्होंने बताया कि यह भारत केंद्रित शिक्षा नीति है । विद्या भारती प्रमुखता से शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए प्रयत्न कर रही है। संपूर्ण देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन, पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों का कार्य समय से पूर्ण हो इसलिए विद्या भारती शासन के साथ लगातार सम्पर्क कर आचार्य प्रशिक्षण पर जोर दे रही है । विद्यालयों से सेवानिवृत हुए अध्यापकों का सहयोग लें और अपने विद्यालयों में पढ़े पूर्व छात्रों से सम्पर्क करें । विद्यालय विषय के केन्द्र बनें, इसलिए विषय से सम्बन्धित साहित्य वहां उपलब्ध हो ।